Mohabbat Hai Kya Cheez song lyrics
Movie | Prem Rog |
Year | 1982 |
Music By | Laxmikant-Pyarelal |
Singer | Lata Mangeshkar and Suresh Wadkar |
Lricist | Pandit Narendra Sharma, Amir Qazalbash and Santosh Anand |
Duration | 7:16 |
Ye Din Kyon Nikalta Hai, Ye Raat Kyon Hoti Hain Ye Pid Kaha Se Uthatee Hai, Ye Aankh Kyon Rotee Hai [Mohabbat Hai Kya Cheez -2, Hamko Bataao Ye Kisne Shuru Kee, Kisne Shuru Ki Hamein Bhi Sunaao] - [2] Mohabbat Hai Kya Cheez - [2] [Bahakata Hai Badan Kaise, Sulagatee Hain Ye Saansein Kyon Ye Kaise Aag Hoti Hai, Pighalatee Hai Ye Shama Kyon] - [2] Jal Uthee Shama To Machal Kar Parvaana Aa Gaya Aag Ke Daaman Mein Apne Aap Ko Lipta Diya Hamne Poocha Doosre Kee, Aag Mein Ruka Hai Kya - [2] Kuch Na Bola, Kuch Na Bola, Kuch Na Bola Apni Dhun Mein Bas Yahi Gaata Raha Mohabbat Hai Kya Cheez Ek Din Guzare Jo Ham, Maikade Ke Mod Se Ek Maikash Chala Tha, May Se Rishta Tod Ke Hamne Poocha Kis Liye Too, Umra Bhar Pita Raha - [2] Kuch Na Bola, Kuch Na Bola, Kuch Na Bola Apni Dhun Mein Bas Yahi Gaata Raha Mohabbat Hai Kya Cheez Ye Din Kyon Nikalta Hai, Ye Raat Kyon Hoti Hain Ye Pid Kaha Se Uthatee Hai, Ye Aankh Kyon Rotee Hai [Mohabbat Hai Kya Cheez -2, Hamko Bataao Ye Kisne Shuru Kee, Kisne Shuru Ki Hamein Bhi Sunaao] - [2] Mohabbat Hai Kya Cheez - [2] [Bahakata Hai Badan Kaise, Sulagatee Hain Ye Saansein Kyon Ye Kaise Aag Hoti Hai, Pighalatee Hai Ye Shama Kyon] - [2] Jal Uthee Shama To Machal Kar Parvaana Aa Gaya Aag Ke Daaman Mein Apne Aap Ko Lipta Diya Hamne Poocha Doosre Kee, Aag Mein Ruka Hai Kya - [2] Kuch Na Bola, Kuch Na Bola, Kuch Na Bola Apni Dhun Mein Bas Yahi Gaata Raha Mohabbat Hai Kya Cheez Ek Din Guzare Jo Ham, Maikade Ke Mod Se Ek Maikash Chala Tha, May Se Rishta Tod Ke Hamne Poocha Kis Liye Too, Umra Bhar Pita Raha - [2] Kuch Na Bola, Kuch Na Bola, Kuch Na Bola Apni Dhun Mein Bas Yahi Gaata Raha Mohabbat Hai Kya Cheez
Mohabbat Hai Kya Cheez lyrics in hindi
ये दिन क्यों निकलता है ये रात क्यों होती हैं ये पीड कहा से उठती है ये आँख क्यों रोटी है मोहब्बत है क्या चीज़ २ हमको बताओ ये किसने शुरू की किसने शुरू की हमें भी सुनाओ २ मोहब्बत है क्या चीज़ २ बहकता है बदन कैसे सुलगती हैं ये सांसें क्यों ये कैसे आग होती है पिघलती है ये शमा क्यों २ जल उठी शमा तो मचल कर परवाना आ गया आग के दामन में अपने आप को लिप्त दिया हमने पुछा दुसरे की आग में रुका है क्या २ कुछ न बोला कुछ न बोला कुछ न बोला अपनी धुन में बस यही गाता रहा मोहब्बत है क्या चीज़ एक दिन गुज़ारे जो हम मैकदे के मोड़ से एक मैकश चला था मई से रिश्ता तोड़ के हमने पुछा किस लिए तू उम्र भर पिता रहा २ कुछ न बोला कुछ न बोला कुछ न बोला अपनी धुन में बस यही गाता रहा मोहब्बत है क्या चीज़ ये दिन क्यों निकलता है ये रात क्यों होती हैं ये पीड कहा से उठती है ये आँख क्यों रोटी है मोहब्बत है क्या चीज़ २ हमको बताओ ये किसने शुरू की किसने शुरू की हमें भी सुनाओ २ मोहब्बत है क्या चीज़ २ बहकता है बदन कैसे सुलगती हैं ये सांसें क्यों ये कैसे आग होती है पिघलती है ये शमा क्यों २ जल उठी शमा तो मचल कर परवाना आ गया आग के दामन में अपने आप को लिप्त दिया हमने पुछा दुसरे की आग में रुका है क्या २ कुछ न बोला कुछ न बोला कुछ न बोला अपनी धुन में बस यही गाता रहा मोहब्बत है क्या चीज़ एक दिन गुज़ारे जो हम मैकदे के मोड़ से एक मैकश चला था मई से रिश्ता तोड़ के हमने पुछा किस लिए तू उम्र भर पिता रहा २ कुछ न बोला कुछ न बोला कुछ न बोला अपनी धुन में बस यही गाता रहा मोहब्बत है क्या चीज़