Apni Ulfat Pe Zamane Ka song lyrics
Movie | Sasural |
Year | 1961 |
Music By | Hasan Latif Lilak, Shankar-Jaikishan |
Singer | Mukesh and Lata Mangeshkar |
Lricist | Hasrat Jaipuri, Shailendra and Munir Niazi |
Duration | 3:26 |
Apni Ulfat Pe Zamaane Ka Na Pehara Hota To Kitna Achha Hota - [2] Pyar Ki Raat Ka Koyi Na Sawera Hota To Kitna Achha Hota - [2] Apni Ulfat Pe Zamaane Ka Na Pehara Hota To Kitna Achha Hota - [2] [Paas Rehkar Bhi Bahut Door , Bahut Door Rahe Ek Bandhan Mein Bandhe, Phir Bhi To Majboor Rahe] - [2] Meri Raahon Mein Na Uljhan Ka Andhera Hota To Kitna Chchha Hota - [2] [Dil Milein Aankh Mili Pyar Na Milne Paaye Baagbaan Kahta Hai Do Phool Na Khilane Paaye] - [2] Apni Manzil Ko Jo Kaanton Ne Na Ghera Hota To Kitna Chchha Hota - [2] [Ajab Sulagati Huyi Lakdiyaan Jagwaale Mile To Aag Ugalate Fate To Dhunwaan Kare] - [2] Apni Duniya Mein Bhi Sukh Chain Ka Phera Hota To Kitna Chchha Hota - [2] Apni Ulfat Pe Zamaane Ka Na Pehara Hota To Kitna Achha Hota - [2]
Apni Ulfat Pe Zamane Ka lyrics in hindi
अपनी उल्फत पे ज़माने का न पेहरा होता तो कितना अच्छा होता २ प्यार की रात का कोई न सवेरा होता तो कितना अच्छा होता २ अपनी उल्फत पे ज़माने का न पेहरा होता तो कितना अच्छा होता २ पास रेह्कर भी बहुत दूर बहुत दूर रहे एक बंधन में बंधे फिर भी तो मजबूर रहे २ मेरी राहों में न उलझन का अँधेरा होता तो कितना च्छ होता २ दिल मिलें आँख मिली प्यार न मिलने पाये बागबान कहता है दो फूल न खिलने पाये २ अपनी मंज़िल को जो काँटों ने न घेरा होता तो कितना च्छ होता २ अजब सुलगती हुयी लकड़ियां जगवाले मिले तो आग उगलते फटे तो धुंवां करे २ अपनी दुनिया में भी सुख चैन का फेर होता तो कितना च्छ होता २ अपनी उल्फत पे ज़माने का न पेहरा होता तो कितना अच्छा होता