Mohabbat Bade Kaam Ki Cheez Hai song lyrics
Movie | Trishul |
Year | 1978 |
Music By | Khayyam |
Singer | Lata Mangeshkar, K J Yesudas |
Lricist | Sahir, Sahir Ludhianvi and Salim Javed |
Duration | 4:40 |
Har Taraf Husn Aur Jawaani Hai Aajaki Raat Kya Suhaani Hai Reshami Jism Reshami Jism Thatharate Hai Maramari Honth Gunagunate Hai Dhadakano Main Suroor Faila Hai Rag Najadik-O-Door Faila Hai Daavat-E-Ishq De Rahi Hai Fazaa Aaj Ho Ja Kisi Hansi Pe Fida Mohabbat Bade Kam Ki Cheez Hai Kam Ki Cheez Hai Mohabbat Ke Dum Se Hai Duniya Ye Roshan Mohabbat Na Hoti To Kuch Bhi Na Hota Nazar Aur Dil Ki Panaho Ki Khatir Ye Jannat Na Hoti To Kuch Bhi Na Hota Yahi Ik Aaram Ki Cheez Hai Kam Ki Cheez Hai Mohabbat Bade Kam Ki Cheez Hai Kam Ki Cheez Hai Kitabo Mein Chhapate Hai Chaahatke Kise Haqikat Ki Duniya Mein Chaahat Nahin Kitabo Mein Chhapate Hai Chaahatke Kise Haqikat Ki Duniya Mein Chaahat Nahin Zamaane Ke Bazaarmein Ye Woh Shah Hai Ke Jiski Kisiko Zarurat Nahin Hai Ye Bekaar Bedaam Ki Cheez Hai Naam Ki Cheez Hai Ye Kudarat Ke Inaam Ki Cheez Hai Mohabbat Bade Kam Ki Cheez Hai Kam Ki Cheez Hai Mohabbat Bade Kam Ki Cheez Hai Kam Ki Cheez Hai Mohabbat Se Itna Khafa Hone Wale Chal Aa Aaj Tujhko Mohabbat Sikha De Tera Dil Jo Barso Se Vira Pada Hai Kisi Nazanina Ko Ismein Basa De Mera Mashavaraa Kam Ki Cheez Hai Kam Ki Cheez Hai Mohabbat Bade Kam Ki Cheez Hai Kam Ki Cheez Hai Ye Bekaar Benam Ki Cheez Hai Kam Ki Cheez Hai Mohabbat Bade Kam Ki Cheez Hai
Mohabbat Bade Kaam Ki Cheez Hai lyrics in hindi
हर तरफ हुस्न और जवानी है आजकी रात क्या सुहानी है रेशमी जिस्म रेशमी जिस्म ठठराते है मारामारी होंठ गुनगुनाते है धडकनो मैं सुरूर फैला है राग नजदीक ओ दूर फैला है दावत ए इश्क़ दे रही है फ़ज़ा आज हो जा किसी हंसी पे फ़िदा मोहब्बत बड़े कम की चीज़ है कम की चीज़ है मोहब्बत के दम से है दुनिया ये रोशन मोहब्बत न होती तो कुछ भी न होता नज़र और दिल की पनाहो की खातिर ये जन्नत न होती तो कुछ भी न होता यही इक आराम की चीज़ है कम की चीज़ है मोहब्बत बड़े कम की चीज़ है कम की चीज़ है किताबो में छपते है चाहतके किसे हक़ीक़त की दुनिया में चाहत नहीं किताबो में छपते है चाहतके किसे हक़ीक़त की दुनिया में चाहत नहीं ज़माने के बाजारमें ये वो शाह है के जिसकी किसीको ज़रूरत नहीं है ये बेकार बेदाम की चीज़ है नाम की चीज़ है ये कुदरत के इनाम की चीज़ है मोहब्बत बड़े कम की चीज़ है कम की चीज़ है मोहब्बत बड़े कम की चीज़ है कम की चीज़ है मोहब्बत से इतना खफा होने वाले चल आ आज तुझको मोहब्बत सिखा दे तेरा दिल जो बरसो से वीरा पड़ा है किसी नाज़नीन को इसमें बसा दे मेरा मशवरा कम की चीज़ है कम की चीज़ है मोहब्बत बड़े कम की चीज़ है कम की चीज़ है ये बेकार बेनाम की चीज़ है कम की चीज़ है मोहब्बत बड़े कम की चीज़