Chote Chote Pairon Ke Tale song lyrics
Movie | Aamras |
Year | 2009 |
Music By | Tabun Sutradhar |
Singer | Kailash Kher |
Lricist | Subrat Sinha |
Duration | 3:46 |
Chhote Chhote Pairon Ke Tale Raste Bade Ho O O Nanhe Se Kandhon Pe Kyun Ye Baste Bade Apni Saari Khwaaishein Lambi Si Farmaayishein - (2) Inko Jeena Sikhlaane Pe Hum Kyun Ade Hain Chhote Chhote Pairon Ke Tale Raste Bade Hain Nanhe Se Kandhon Pe Kyun Ye Baste Bade Hain Apni Saari Khwaaishein Lambi Si Farmaayishein - (2) Inko Jeena Sikhlaane Pe Hum Kyun Ade Hain Ye Bhale Hai Naadan Par Hai Kisisse Anjaane Nahin Jitne Bhi Shaitaan Hai Dekho To Bhagwaan Bhi Hai Yahi Aankhon Ki Badmaashiyaan Hothon Ki Gustaakhiyaan - (2) Inaka Bachpan Chhudwaane Pe Hum Kyun Ade Hai Chhote Chhote Pairon Ke Tale Raste Bade Hain Nanhe Se Kandhon Pe Kyun Ye Baste Bade Hain Apni Saari Khwaaishein Lambi Si Farmaayishein - (2) Inko Jeena Sikhlaane Pe Hum Kyun Ade Hain Khwaab Hai Ye Hamare Ye Kal Ke Hai Sahara Ji Nahin Chale Manjilein Apni Jiye Sapne Apne Liye Kyun Nahin Kaagaz Ki Ye Kashtiyaan Jinako Deti Mastiyaan - (2) Unko Dariya Mein Tairaane Par Kyun Ade Hai Chhote Chhote Pairon Ke Tale Raste Bade Hain Nanhe Se Kandhon Pe Kyun Ye Baste Bade Hain Apni Saari Khwaaishein Lambi Si Farmaayishein - (2) Inko Jeena Sikhlaane Pe Hum Kyun Ade Hain
Chote Chote Pairon Ke Tale lyrics in hindi
छोटे छोटे पैरों के टेल रस्ते बड़े हो ओ ओ नन्हे से कन्धों पे क्यूँ ये बस्ते बड़े अपनी साड़ी ख्वाइशें लम्बी सी फरमाईशें २ इनको जीना सिखलाने पे हम क्यूँ अड़े हैं छोटे छोटे पैरों के टेल रस्ते बड़े हैं नन्हे से कन्धों पे क्यूँ ये बस्ते बड़े हैं अपनी साड़ी ख्वाइशें लम्बी सी फरमाईशें २ इनको जीना सिखलाने पे हम क्यूँ अड़े हैं ये भले है नादान पर है किसीसे अनजाने नहीं जितने भी शैतान है देखो तो भगवान् भी है यही आँखों की बदमाशियां होठों की गुस्ताखियां २ इनका बचपन छुड़वाने पे हम क्यूँ अड़े है छोटे छोटे पैरों के टेल रस्ते बड़े हैं नन्हे से कन्धों पे क्यूँ ये बस्ते बड़े हैं अपनी साड़ी ख्वाइशें लम्बी सी फरमाईशें २ इनको जीना सिखलाने पे हम क्यूँ अड़े हैं ख्वाब है ये हमारे ये कल के है सहारा जी नहीं चले मंजिलें अपनी जिए सपने अपने लिए क्यूँ नहीं कागज़ की ये कश्तियाँ जिनको देती मस्तियाँ २ उनको दरिया में तैराने पर क्यूँ अड़े है छोटे छोटे पैरों के टेल रस्ते बड़े हैं नन्हे से कन्धों पे क्यूँ ये बस्ते बड़े हैं अपनी साड़ी ख्वाइशें लम्बी सी फरमाईशें २ इनको जीना सिखलाने पे हम क्यूँ अड़े